Indian New Year 2023 (भारतीय नववर्ष) जिसे वर्ष प्रतिपदा उत्सव, हिन्दू नववर्ष या भारतीय नूतन वर्ष आदि नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी न्यू ईयर के वर्ष 2023 में यह Bhartiya Nav Varsh मार्च माह की दिनांक 22 को विक्रम संवत १९८० या नव संवत्सर 2080 के शुभारंभ के रूप में मनाया जायेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में यह उत्सव संघ से प्रथम सरसंघचालक डॉ. केशव राव बलिराम हेडगेवार के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष प्रतिपदा उत्सव संघ के 8 उत्सव में से प्रथम है।
प्रत्येक वर्ष भारतीय नववर्ष या वर्ष प्रतिपदा उत्सव हिन्दू कैलेंडर के प्रथम महीने चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा (प्रथम तिथि) को मनाया जाता है। इस दिन को सम्पूर्ण भारतवर्ष में चैत्र नवरात्री, महाराष्ट्र में गुड़ी पड़वा, और मध्य प्रदेश में उगाड़ी हिन्दू नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है।
संवत्सर शब्द सम् व वत्सर शब्दों से मिलकर बना है। सम् का अर्थ है ब्रह्म व वत्सर ब्रह्मा की कला जिससे काल (समय) बना है। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा भारत में प्रचलित सभी संवतों का प्रारम्भ दिन। अर्थात् भारत नववर्षाभिनन्दन दिवस। हमारी सांस्कृतिक महिमा और राष्ट्रीय गौरव का जागृत रूप अर्थात् नव स्फूर्ति और उल्लास का दिन।
बसन्त में नव संवत्सर का आगमन होता है। यह नव पल्लव प्रस्फुटन की बेला है। प्रफुल्लता व प्रेरणा की ऋतु है। जनवरी ईसाई नववर्ष है। हमारे लिए इसका क्या महत्व हैं?
कल्प से लेकर संवत्, अयन, ऋतु, मास, पक्ष, तिथि, वार, नक्षत्र आदि के सामूहिक उच्चारण का नाम संकल्प है। पर वस्तुतः यह काल गणना कोई जड़ पैमाना नहीं है। व्यावहारिक और पारमार्थिक सत्ता की योजक कड़ी है। भारतीय पंचांग से इसे समझा जा सकता है इस दिन से बहुत से प्रेरक प्रसंग जुड़े हुए हैं जो प्रत्येक हिन्दू को आज भी स्फूर्ति प्रदान करते हैं।
First RSS Sarsanghchalak Dr. Keshav Baliram Hedgewar born on this day and become a founder of Rashtriya Swayamsevak Sangh.
राष्ट्र चिन्तक, संगठन मंत्र दृष्टा और प्रवर्तक परम पूज्यनीय डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी का जन्म भी वर्ष प्रतिपदा के पावन दिन ही 1889 को नागपुर में हुआ।
डॉ. हेडगेवार जन्मजात देशभक्त थे। विक्टोरिया के राज्यारोहण की मिठाई कूडे़दान में फेंकी। एडवर्ड सप्तम् के राज्याभिषेक समारोह का बहिष्कार, सीताबार्डी किले से यूनियनजैक उतारने के लिए घर में सुरंग खोदनी चाही, वन्देमातरम् उद्घोषणा पर प्रतिबन्ध के विरोध में नील सिटी हाई स्कूल में अंग्रेज निरीक्षक के सामने ही वन्देमातरम् का उद्घोष कर विरोध प्रकट किया। ये सब घटनाएं ज्वलंत देशभक्ति को प्रकट करती है।
डॉक्टर जी ने देश के इतिहास का अध्ययन किया और समाज की मूल कमजोरी संगठन का अभाव, ऐसा पाया। सम्पूर्ण देश में हिन्दू यह नाम गौरव का प्रतीक बने, हिन्दू ही इस देश का पुत्र है। ऐसा दृढ़ विचार किया।
हिन्दू को संगठित करने और एक राष्ट्रीय भाव सदैव इस भूमिपुत्र के मन में रहे इस जागरण हेतु राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का निर्माण किया।
Also See: List of RSS Sarsanghchalak
वर्ष प्रतिपदा उत्सव पर संघ की शाखा में शाखा लगाने से पूर्व आद्यसरसंघचालक प्रणाम होता है। आद्यसरसंघचालक प.पू. डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार जी को प्रणाम किया जाता है। इस प्रणाम में संघ के घोष में बजने वाले वाद्यों आनक, शंख, पणव के साथ आद्यसरसंघचालक रचना जो की झपताल-240 में होती हैं का वादन किया जाता हैं। रचना की लिपि इस प्रकार हैं:-
प्रतिज्ञा कर लीजिए कि जब तक तन में प्राण है, संघ को नहीं भूलेंगे। अपने जीवन में ऐसा कहने का कुअवसर न आने दीजिए कि पाँच साल पहले मैं संघ का स्वयंसेवक था। हम लोग जब तक जीवित हैं, संघ के स्वयंसेवक रहेंगे। तन-मन-धन से संघ का कार्य करने के लिए अपने दृढ़ निष्चय को अखण्डित रूप से जागृत रखिये। -प.पू.डॉ. हेडगेवार जी
काव्य गीत-1
पूर्ण करेंगे हम सब केशव, वह साधना तुम्हारी।
आत्म हवन से राष्ट्रदेव की, आराधना तुम्हारी।।
निशिदिन तेरी ध्येय चिन्तना, आकुल मन की तीव्र वेदना,
साक्षात्कार ध्येय का हो, यह मन कामना तुम्हारी।।1।।
पूर्ण करेंगे…..
कोटि-कोटि हम तेरे अनुचर, ध्येय मार्ग पर हुए अग्रसर,
होगी पूर्ण सशक्त राष्ट्र की, वह कल्पना तुम्हारी।।2।।
पूर्ण करेंगे…..
तुझ सी ज्योति हृदय में पावें, कोटि-कोटि तुम से हो जावें,
तभी पूर्ण हो राष्ट्र देव की, वह अर्चना तुम्हारी।।3।।
पूर्ण करेंगे…..
काव्य गीत-2
संघ-मंत्र के हे! उद्गाता ! अमिट हमारा तुमसे नाता।
कोटि-कोटि नर नित्य मर रहे, जब जग के नश्वर वैभव पर,
तब तुमने हमको सिखलाया, मर कर अमर बने कैसे नर,
जिसे जन्म दे बनी सपूती, शस्य श्यामला भारत माता।।
अमिट हमारा तुमसे नाता….
क्षण-क्षण, तिल-तिल, हँस-हँस जलकर, तुमने पैदा की जो
ज्वाला, ग्राम-ग्राम में प्रान्त-प्रान्त में, दमक उठी दीपों की माला,
हम किरणें हैं उसी तेज की, जो उस चिर जीवन से आता।।
अमिट हमारा तुमसे नाता….
श्वांस -श्वांस से स्वार्थ-त्याग की, तुमने पैदा की जो आंधी,
वह न हिमालय से रूक सकती, सागर से न जायेगी बाँधी,
हम झोंके उस प्रबल पवन के, प्रलय स्वयं जिससे थर्राता।।
अमिट हमारा तुमसे नाता….
कार्य चिरन्तन तब अपना हम, ध्येय मार्ग पर बढ़ते जाते,?
पूर्ण करेंगे दिव्य साधना, संघ-मंत्र मन में दोहराते,
अखिल जगत में फहरायेंगे, हिन्दू-राष्ट्र की विमल पताका।।
अमिट हमारा तुमसे नाता….
काव्य गीत-3
हमें वीर केशव मिले आप जब से,
नई साधना की डगर मिल गई है।।
भटकते रहे ध्येय-पथ के बिना हम,
न सोचा कभी देश क्या धर्म क्या है?
न जाना कभी पा मनुज-तन जगत में,
हमारे लिए श्रेष्ठतम कर्म क्या है?
दिया ज्ञान जबसे मगर आपने है,
निरंतर प्रगति की डगर मिल गई है।।1।।
नई साधना की …….
समाया हुआ घोर तम सर्वदिक था,
सुपथ है किधर कुछ नहीं सूझता था।
सभी सुप्त थे घोर तम में अकेले,
हृदय आपका हे तपी जूझता था।
जलाकर स्वयं को किया मार्ग जगमग,
हमें प्रेरणा की डगर मिल गई है।।2।।
नई साधना की …….
बहुत थे दुःखी हिन्दू निज देश में ही,
युगों से सदा घोर अपमान पाया।
द्रवित हो गये आप यह दृष्य देख,
नहीं एक पल को कभी चैन पाया।
हृदय की व्यथा संघ बनकर फूट निकली,
हमें संगठन की डगर मिल गई है ।।3।।
नई साधना की …….
करेंगे पुनः हम सुखी मातृ भू को,
यही आपने शब्द मुख से कहे थे।
पुनः हिन्दू का हो सुयष गान जग में,
संजोये यही स्वप्न पथ पर बढ़े थे।
जला दीप ज्योतित किया मातृ मन्दिर,
हमें अर्चना की डगर मिल गई है।।4।।
नई साधना की …….
अन्य संघ गीत हेतु यहाँ देखें।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रार्थना | Namaste Sada Vatsale Maatribhoome | Sangh Prarthana (prayer) | RSS…
ये शहीदों की जय हिन्द बोली लिरिक्स हिंदी में। See the Ye Shahido ki Jai…
थे खेलों लाल गुलाल, होली नित आवे। Rajasthani Holi song The khelo lal gulal holi…
Chandan hai is desh ki mati bhajan lyrics in Hindi and English for download. गीत…
श्री हनुमान चालीसा - Shree Hanuman Chalisa श्री हनुमान चालीसा पाठ - संकट मोचन हनुमान…
महाशिवरात्रि व्रत (Maha Shivratri 2021) महाशिवरात्रि व्रत 2021 - Mostly Mahashivratri vrat & festival is…