1925 में संघ का कार्य प्रारम्भ होने के बाद प्रतिज्ञा को कार्य पद्धति में जोड़ा गया।
आजादी से पहले की प्रतिज्ञा संघ की वर्तमान प्रतिज्ञा से भिन्न हैं।
“सर्वशक्तिमान श्री परमेश्वर…तथा अपने पूर्वजों का स्मरण कर…मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि अपने पवित्र हिंदू धर्म… हिंदू संस्कृति… तथा हिंदू समाज का संरक्षण कर… हिंदू राष्ट्र की सर्वांगीण उन्नति करने के लिए… मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का घटक बना हूं… संघ का कार्य… मैं प्रमाणिकता से… निस्वार्थ बुद्धि से… तथा तन मन धन पूर्वक करूंगा… और इस व्रत का मैं… आजन्म पालन करूंगा… भारत माता की जय”
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