विश्व हिन्दू परिषद के उद्भव की प्रासांगिकता
विश्व हिन्दू परिषद की स्थापना का निर्णय सन् 1964 में, 29 अगस्त को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के शुभ दिवस पर, मुम्बई में स्थित स्वामी चिन्मयानंद के संदीपनी आश्रम में धर्माचार्यों की बैठक में लिया गया।
हिन्दू समाज में व्याप्त आंतरिक और बाह्य चुनौतियों के सन्दर्भ में धर्मशास्त्रों की पुनः उचित प्रकार से व्याख्या एवं प्रथाओं का पुनर्निरीक्षण कर उचित प्रकार से युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करने की आवश्यकता थी। इस कार्य के लिए विभिन्न सम्प्रदायों एवं मठों के धर्माचार्यों को एक साथ एक मंच पर लाकर उनके माध्यम से धर्म और संस्कृति के क्षेत्र में मार्गदशन उपलब्ध कराना आवश्यक था।
इस अत्यन्त कठिन कार्य को सफल बनाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका संघ के द्वितीय सरसंघचालक प.पू. श्री गुरूजी की रही।
विश्व हिन्दू परिषद का पंजीयन एक्ट 1860’ के तहत 08 जुलाई, 1966 को दिल्ली के हुआ। विहिप संस्था की पंजीकरण संख्या ‘एस 3106’ हैं।
उडृपी में सन् 1969 में हुए विश्व हिन्दू परिषद के सम्मेलन में उपस्थित धर्माचार्यों एवं जगतगुरूओं ने ‘हिन्दवः सोदराः सर्वे’ (सभी हिन्दू भाई है) ‘न हिन्दू पतितो भवेत्’ (हिन्दू कभी पतित नहीं होता) ‘मम दीक्षा हिन्दू रक्षा, मम मंत्रः समानता’ ऐसा सामाजिक समरसता का क्रान्तिकारी मंत्र दिया।
विश्व हिन्दू परिषद का पृथक वीरतापूर्ण साहसिक कार्यों को करन की दृष्टि से युवाशक्ति का संगठन बजरंग दल के नाम से जाना जाता हैं।
इस संगठन का कार्य हिन्दू समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करना, हिन्दू समाज को संगठित करना, हिन्दू महिलाओं का अपमान रोकना, गोहत्या का विरोध करना आदि हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा के कारण ही संघ के द्वितीय सरसंघचालक एम.एस. गोलवरकर एवं एस.एस. आप्टे के अथक परिश्रम से विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) का निर्माण हुआ।
आज यह संघ का अनुषांघिक संघटन संघ परिवार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं।
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विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) से जुड़ने के लिए भिन्न-भिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न प्रकार के आवेदन फाॅर्म हैं। भारत एवं अन्य देशों में विहिप से जुड़ने हेतु अलग-अलग आवेदन प्रपत्र आॅनलाईन व आॅफलाईन विश्व हिन्दू परिषद की वेब साईटों पर उपलब्ध हैं।
देश (भारत में राज्य व भारत के बाहर के देश) व सदस्यता के प्रकार (वार्षिक/आजीवन/अन्य) के आधार पर उनका सदस्यता शुल्क अथवा सहयोग राशि भी अलग-अलग हैं।
विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ने के लिए आप स्थानीय कार्यकर्ता अथवा कार्यालय पर सम्पर्क कर सकते है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता एम.एस. गोलवलकर एवं एस.एस. आध्यात्मिक गुरु चिन्मययानंद के सहयोग से विहिप की स्थापना की विश्व हिन्दू परिषद के संस्थापक प्रतिनिधिमंडल में निम्न प्रतिनिधि थे:-
स्वामी चिन्मययानंद (Swami Chinmayananda)
स्वामी चिन्मयानंद एक आध्यात्मिक नेता व चिन्मय मिशन के संस्थापक थे। ये देश भर में कई हिन्दू सम्मेलनों और ज्ञान-यज्ञों के प्रशंसित नेता थे। ये विश्व हिन्दू परिषद के अध्यक्ष के पद पर नामित हुए।
के.एम. मुंशी (K.M. Munshi)
भारतीय विद्या भवन के संस्थापक थे। पं. जवाहर लाल नेहरू के केन्द्रीय मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य रहे। ये अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी थे। यू.पी. के पूर्व राज्यपाल व महान लेखक थे। के.एम. मुंशी सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण के आर्किटेक्ट भी थे।
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मास्टर तारा सिंह (Master Tara Singh)
सिख समाज में बहुत सम्मानित वृद्ध व्यक्ति थे। आजादी के बाद के समय के बहुत अनुभवी सिख नेता थे।
सी पी रामास्वामी अय्यर (C P Ramaswamy Iyer)
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर थे। त्रावणकोर कोचीन राज्य (केरल में) के दीवान थे। वे एक महान शिक्षाविद् के रूप में जाने जाते थे।
अन्य (Others)
शिक्षा के क्षेत्र में बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय इंस्टीट्यूट आॅफ टेक्नोलाॅजी (वर्तमान में आई.आई.टी.) से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूर्ण कर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्णकालिक प्रचारक बन गये।
वैश्वीक हिन्दू संघटन विश्व हिन्दू परिषद के अन्तराष्ट्रीय अक्ष्यक्ष के पद पर रहते हुए 20 वर्षों तक वि.हि.प. के विकास में योगदान दिया।
स्वास्थ्य में गिरावट के कारण दिसम्बर 2011 में अपना पदभार त्याग दिया जिसके बाद प्रवीण तोगड़िया ने उनका पद सम्हाला।
17 नवम्बर 2015 को 89 वर्ष की उम्र में अशोक सिंघल ने अपनी देह त्याग दी।
वर्तमान में विश्व हिन्दू परिषद के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष राघव रेड्डी (Gunnam Raghava Reddy) हैं।
मूलतः कुरनूल (आंध्र प्रदेश) के राघव रेड्डी पूर्व में विहिप के कोषाध्यक्ष थे। इनका वर्तमान केन्द्र हैदराबाद हैं।
12 दिसम्बर सन् 1956 में आमरेली, गुजरात में जन्में प्रवीण भाई तोगड़िया सौराष्ट्र के पटेल है तथा पढ़ाई के लिए अहमदाबाद गये।
पेशे से कैंसर सर्जन एवं सामाजिक कार्यकर्ता हैं, विहिप के दायित्व का निर्वहन करते हुए अत्याधिक व्यस्थताओं के बावजूद भी माह में एक सप्ताह कैंसर रोगियों की जाँच के लिए समय निकालते हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के लोगो (प्रतीक चिन्ह) के चित्र में एक के अन्दर एक दो अण्डाकार घेरे हैं।
जिसमें अन्दर वाले प्रथम घेरे में एक विशाल वट वृश्र (बरगद का पेड़) अंकित हैं।
दूसरे बाहरी घेरे के अन्दर ऊपर की ओर विश्व हिन्दू परिषद लिखा हुआ हैं।
दूसरे घेरे में ही नीचे की ओर धर्मो रक्षति रक्षितः अंकित हैं। जिसका तात्पर्य है कि जो व्यक्ति धर्म की रक्षा करते है उन लोगों की रक्षा घर्म करता हैं।
इन भगवा रंग के झण्डों पर अधिकांश पर ऊँ का चिन्ह अंकित होता हैं। विश्व हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता इन पताकाओं को हाथ में लेकर फोटो खिचवाते हैं।
विहिप के कई कार्यकर्ता लोग इन कार्यक्रमों के छायाचित्रों को वाॅलपेपर के रूप में अपने सोशल साईट पर लगाकर इनका इस्तेमाल करते हैं।
विश्व हिन्दू परिषद द्वारा अब तक तीन विश्व हिन्दू सम्मेलन (विश्व हिन्दू काॅन्फ्रेस) हो चुके हैं। वि.हि.प.-धर्मसंसद उडुपी (कर्नाटक) में चल रही हैं। जिसकी 24 नवम्बर, 2017 को विश्व हिन्दू परिषद की और से प्रेस विज्ञप्ति जारी कर श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अहम निर्णय लिए गये व अन्य आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।
विश्व हिन्दू परिषद के वर्ष भर अनेक कार्यक्रम चलते रहते हैं। जिसकी जानकारी संगठन की वेब साईट द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अथवा न्यूज एण्ड इवेन्ट्स काॅलम में समय-समय पर उपलब्ध कराई जाती हैं।
वर्ष भर होने वाले अनेकों कार्यक्रमों का कवरेज व प्रसारण अनेकों न्यूज (समाचार) चैनलों के द्वारा किया जाता।
जब भी वि.हि.प. का कोई सम्मेलन, बैठक व कार्यक्रम होते है तो इन कार्यक्रमों के विडीयो सोशल मीडिया में छा जाते हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के समाचारों का प्रकाशन अनेकों भाषाओं में होता हैं। यदि आपको हिन्दी भाषा में न्यूज पढ़ने व देखने में रूची है तो आप हिन्दी न्यूज चैनलों को देख सकते हैं। हिन्दी समाचार पत्रों जैसे पत्रिका, भास्कर आदी में भी विहिप के समाचार छपते रहते हैं।
कुछ अन्य पत्रिकाएं जैसे पाथेय कण, पाञ्चजन्य आदि में भी विश्व हिन्दू परिषद के समाचार व प्रमुख व्यक्तियों के लेख छपते रहते हैं।
उपरोक्त के अतिरिक्त सोशल मीडिया भी हिन्दी में विहिप की न्यूज प्राप्त करने का अच्छा साधन हैं।
विश्व हिन्दू परिषद के गीत मुख्यतः संस्कृत, हिन्दी, तमिल व अन्य भाषाओं में गाये जाते हैं। ये गीत सामान्यतः हिन्दुत्व की भावनाओं से ओतप्रोत होते हैं। इन गीतों को सुनकर हिन्दुओं में स्वाभिमान का भाव जागरण होता हैं।
यह मातृभूमी मेरी…, वन्दे मातरम्…, भारत विशाल…, चिर विजय की कामना हैं…, मातृ मन्दिर के पुजारी…, दसो दिशाओं में जाये…, नव चेतन्य हिलोरे लेता… जैसे अनेक गीत विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रमों में गाये जाते हैं।
उपरोक्त गीत एवं विहिप के मुख्य कार्यकर्ताओं के कार्यक्रमों में होने वाले भाषणों का सारांश वि.हि.प. की वेब साईट से डाउनलोड़ किये जा सकते हैं।
भविष्य में हमारी वेब साईट पर भी इन गीतों एवं भाषणों को उपलब्ध कराने का प्रयास करेंगे।
विश्व हिन्दू परिषद की आॅफिशियल वेब साईट वीएचपी.ओआरजी हैं। इस साईट पर काॅन्टेक्ट अस में नई दिल्ली स्थित कार्यालय का पता तथा फोन नम्बर +9111-26103495 दिये हुये हैं।
4 अप्रेल, 2011 को डाॅ. प्रवीण तोगड़िया ने बाल गंधर्व रंग मन्दिर, पुणे में सप्ताह में 24 घण्टे सातों दिन उपलब्ध रहने वाली हिन्दू हेल्प लाईन नम्बर सेवा काॅल सेन्टर के साथ प्रारम्भ की।
विश्व हिन्दू परिषद के हेल्प लाईन नम्बर 020-66803300 व 07588682181 पर फोन करके सहायता ली जा सकती हैं।
विश्व हिन्दू परिषद आज सोशल मिडिया पर भी छाया हुआ हैं। आज विश्व हिन्दू परिषद को फेसबुक पर सर्च करने पर अनेको फेसबुक पेज खुलकर सामने आते हैं। ये फेसबुक पेज राज्यों के आधार पर जिलों के आधार पर बना रखे हैं। इनमें से कौनसा पेज विहिप का ओरिजनल पेज है, पता लगाना कठिन हैं।
इन अनेक फेसबुक पेजों व फेसबुक गुप के माध्यम से हिन्दू आपस में जुड़ते हैं। तथा विश्व हिन्दू परिषद के कार्यक्रमों एवं बैठकों के सम्बन्ध में विचार सांझा करते हैं।
फेसबुक पेज व गुप के माध्यम से शिघ्रता से कोई भी सूचना या समाचार विहिप को फोलो करने वाले लागों के पास पहुंच जाती हैं। जिसे लोग अपने-अपने फेसबुक अकाउन्ट से शेयर कर सूचनाओं का विस्तार करते हैं।
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विहिप द्वारा सामाजिक गतिविधियों के अन्तर्गत अनेक प्रकार के केम्प समय-समय पर लगाये जाते हैं जिनमें से कुछ उदाहरण निम्नानुसार हैंः-
विश्व हिन्दू परिषद का केन्द्रीय कार्यालय दिल्ली, भारत में स्थित हैं। नई दिल्ली में आर.के. पुरम् के सेक्टर नम्बर 6 में संकट मोचन हनुमान मन्दिर आश्रम पर स्थित यह आॅफिस विहिप का हेडक्वाटर कहलाता हैं। पूर्ण पता एवं नम्बर निम्न चित्र में अंकित हैं।
To Know about Vishwa Hindu Parishad (VHP) in Kerala, Mumbai, Pune, Gujarat, Ahmedabad, Hyderabad, Kolkata, Andhra Pradesh, Chennai, Tamilnadu, Bangalore etc. Please contact to below era Office no. with the details of your Kshetra and Prant.
विश्व हिन्दू परिषद अमेरिका की स्थापना 1970 में न्यूयाॅर्क में हुई तथा 1974 में इसे न्यूयाॅर्क राज्य में शामिल किया गया।
विश्व हिन्दू परिषद अमेरिका के राष्ट्रीय कार्यालय व अन्य कार्यालयों पर सम्पर्क हेतु पता निम्नानुसार संलग्न हैं।
कनाडा का विश्व हिन्दू परिषद एक निगमित निकाय हैं। विश्व हिन्दू परिषद कनाड़ा का मुख्यालय टोरंटो में स्थित हैं। कनाड़ा में हिन्दू जनसंख्या लगभग दस लाख हैं यहां श्रीलंकाई हिन्दुओं की जनसंख्या भी काफी हैं। 1992 में यहां एक राष्ट्रीय हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया था।
विहिप-यू.के. एक पंजीकृत संगठन हैं। विश्व हिन्दू परिषद ने 1972 में यहां कार्य प्रारम्भ किया था। यह संगठन ब्रिटिश सरकार द्वारा हिन्दुओं के एक प्रतिनिधि निकाय के रूप में मान्यता प्राप्त हैं।
विश्व हिन्दू परिषद की इलफोर्ड शाखा कार्यालय क्लीवलैंड रोड़ मुख्य सड़क के पीछे, इल्फोर्ड लेन पर स्थित हैं।
यहां इल्फोर्ड ट्रेन स्टेशन से अल्बर्ट रोड की ओर 0.4 मील लगभग 10 मिनट की पैदल चल कर भी पहुंचा जा सकता हैं।
विश्व हिन्दू परिषद का इल्फोर्ड मन्दिर यहां का प्रमुख स्थल हैं।
विश्व हिन्दू परिषद आॅस्ट्रेलिया में स्वामी विज्ञानन्द जी (संयुक्त महासचिव विहिप) ने 10 से 20 अप्रेल 2008 के दौरान प्रवास किया। यहां इन्हें हिन्दू समूहों, संस्थानों से बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिली।
हिन्दू स्वयंसेवक संघ ने स्वामी विज्ञानन्दजी के लिए उनके साथ हिन्दू विचार एवं आॅस्ट्रेलियाई हिन्दू सोसाइटी के विचार सांझा करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया।
आॅस्ट्रेलिया में विहिप से जुड़ने हेतु निम्न पते पर सम्पर्क कर सकते हैं।
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