धनतेरस 2019
दिवाली का त्यौहार बस अब आने में ही है ; और पुराणों के अनुसार कि इन दिनों देवी लक्ष्मी घर आती हैं, जो इस साल 25 अक्टूबर को धनतेरस के साथ शुरू होगी, 26 अक्टूबर को नरक चौदस, 27 अक्टूबर को दिवाली, 28 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा और 29 अक्टूबर को भैया दूज आएगी।
5 दिन चलने वाले उत्सव में भक्त गण लक्ष्मी देवी का स्वागत करने की तैयारियां करते हैं। प्राचीन परंपराओं के अनुसार, पूरे घर की सफाई की जाती है, पेंट या सफेदी की जाती है, और दीयों, रोशनी, और धार्मिक अनुष्ठानों के साथ सजावट वास्तविक त्योहार के दिन की जाती है।
लक्ष्मी देवी को प्रसन्न करने के लिए आवश्यक नई चीजों को खरीदने के लिए पहला दिन यानी धनतेरस को एक शुभ और अच्छा अवसर माना जाता है। कुछ परम्पराओं के अनुसार सोना और चांदी खरीदना अनुकूल माना जाता है, और कुछ परम्पराएं धुंधली पड़ जाती है। अगर आप एक ऐसे निवेशक हैं जो मुहर्त ट्रेड में शेयर्स खरीद कर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करना चाहते हैं तब आप को पता चलता है की दिवाली भी दूसरे दिनों जैसा ही एक दिन है। निवेशकों को दिन के हिसाब से नहीं बल्कि बाजार के हिसाब से निवेश करना चाहिए।
धनतेरस कब है?
धनतेरस के त्यौहार से दीपावली के 5 दिवसीय त्यौहार का प्रारम्भ होता है। धनतेरस को हिन्दू महीने कार्तिक में तेहरवें दिन को मनाई जाती है| वर्ष 2019 में धनतेरस 25 अक्टूबर को है।
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त
धनतेरस पूजा का शुभ मुहूर्त संध्याकाळ में 7:08 बजे से ले कर 08:14 बजे तक है।
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Auspicious Time to Buy Gold on This Dhanteras (Friday, October 25, 2019)
Dhanteras Purchasing Shubh Muhurat – According to Choghadiya
Labh – Morning Muhurat | 07:52 AM to 09:16 AM | October 25 |
Shubh – Afternoon Muhurat | 12:05 PM to 01:29 PM | October 25 |
Chara – Evening Muhurat | 04:18 PM to 05:42 PM | October 25 |
Shubh – Night Muhurat | 12:05 AM to 01:41 AM | October 26 |
Amrit – Night Muhurat | 01:41 AM to 03:17 AM | October 26 |
Chara – Morning Muhurat | 03:17 AM to 04:53 AM | October 26 |
धनतेरस पर क्या खरीदें?
आप निम्नलिखित वस्तुओं को खरीद कर देवी लक्ष्मी को प्रसन्न कर सकते हैं:-
- बहुत लोग ये नहीं जानते हैं की धनतेरस के दिन को धनिया खरीदने को बहुत शुभ माना जाता है। इसको सम्पन्नता का परिचायक माना जाता है। लक्ष्मी पूजा के समय धनिये के बीजों को अर्पण करें और पूजा के पश्चात इनमें से कुछ बीजों को अपने घर के बगीचे में या मिट्टी के बर्तन में बो दें। और, कुछ गोमती चक्रों और कौड़ियों के साथ बाकी बीजों को अपनी तिजोरी में रख दें।
- यदि आप इस शुभ दिवस पर कुछ नहीं खरीद पाते हैं तो कोई समस्या नहीं है। लेकिन, धनतेरस के शुभ अवसर पर कांच या एल्यूमीनियम से बनी कोई भी वस्तु खरीदनी नहीं चाहिए; क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता है, इसका कारण ये है कि इनका सम्बन्ध राहु से है और इनको घर पर लाने का अर्थ है कि देवी लक्ष्मी से पहले इनकी उपस्थिति घर में हो।
- धनतेरस के दिन विवाहित महिला को सिंदूर के साथ लाल रंग की साड़ी या एक सोलह श्रृंगार का सेट भेंट करना शुभ माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।और, अगर कोई विवाहित महिला नहीं भी है, तो किसी भी अविवाहित लड़की को ये वस्तुएं उपहार में दी जा सकती हैं और उनका आशीर्वाद लिया जा सकता है।
- अगर आप चाहते हैं तो चांदी या सोना अवश्य ही खरीदें। लेकिन, जो व्यक्ति ऐसा नहीं कर सकते हैं, वे एक छोटा चम्मच खरीद कर उससे देवी लक्ष्मी की पूजा कर सकते हैं। लेकिन, इस चम्मच को अपनी तिजोरी में रखिये और दैनिक आधार पर नियमित रूप से आरती ’करना मत भूलिए; इससे आपकी धन सम्पदा में बढ़ोतरी होगी।
- अपने पेशे से सम्बंधित वस्तुएं आपको धनतेरस पर अवश्य ही खरीदनी चाहिए जैसे कि एक लेखक को कलम खरीदनी चाहिए, एक कलाकार को वाद्य यन्त्र और एक चित्रकार को ब्रश इत्यादि अवश्य ही खरीदने चाहियें।
- धनतेरस के शुभ अवसर पर नए झाड़ू खरीदना काफी लाभकारी माना जाता है धनतेरस पर नए झाड़ू को खरीद कर उनका अच्छा उपयोग करना घर से दरिद्रता दूर करने का संकेत होता है। इसलिए , अपने घर से दुखों को दूर करने के लिए झाड़ू को खरीदना अच्छा माना जाता है।
- इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं– ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदे गए इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पाद अधिक टिकाऊ होते हैं। बड़ी वस्तुओं को जैसे कि रेफ्रिजरेटर. टेलीविज़न और कपडे धोने की मशीन को घर की उत्तर-पूर्व दिशा में रखा जा सकता है।
- ऐसा माना जाता है कि धनतेरस के दिन मिटटी के दिए , गणेश भगवान & लक्ष्मी देवी की मूर्तियां तथा खील बताशे इत्यादि खरीद लेने चाहिए।
- धनतेरस के दिन कुछ लोग बड़े निवेश करते हैं जैसे की ज़मीन, चौपहिया वाहन इत्यादि। ऐसा माना जाता है की ऐसा करने से माँ लक्ष्मी एवं कुबेर भगवान काफी प्रसन्न होते हैं। जो विद्यार्थी गण हैं उन्हें सलाह दी जाती है की अपनी पुस्तकों और पेन इत्यादि की पूजा करें।
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